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लेखनी प्रतियोगिता -01-Oct-2022

जिंदगी एक एहसास

लगा नही था साथ है तु,
एहसास हुआ जब छुके गुजरी तू हवाओ सी,

कभी बदला नहीं करती थी करवटें तु,
एहसास हुआ जब बदल जाना तेरा घटाओं सा।

भीग चुके हैं हम खुद के आंसुओं में,
कितनी हसीन है जिंदगी जब भीगा इस बारिश में।

ठोकर भी लगी, अड़चने भी आई, रुकना ना सीखा,
एहसास हुआ आगे बढ़ते रहना इन बहती नदियों सा।

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10 Comments

Gunjan Kamal

05-Oct-2022 06:38 PM

शानदार

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Supriya Pathak

02-Oct-2022 10:57 PM

Bahut khoob 💐👍

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Raziya bano

02-Oct-2022 09:37 AM

Nice

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